वृषभ प्रसाद जैन
(प्रोफेसर एवं निदेशक, भाषा केन्द्र)
जन्म स्थान: अलीगंज, जिला एटा (उ.प्र.)
शिक्षा: एम.ए. (संस्कृत, भाषाविज्ञान), आचार्य, एम.फिल. एवं पी-एच.डी.
अखिल जैन मिशन के संस्थापक स्व. डॉ. कामता प्रसाद जैन के पौत्र व अहिंसा वाणी तथा 'The Voice of Ahinsa' के संस्थापक स्व. श्री वीरेन्द्र प्रसाद जैन व स्व. श्रीमती प्रतिभा देती जैने के पुत्र।
भाषाविज्ञान तथा भारतीय भाषाओं के विविध पक्षों पर शोध के साथ-साथ साहित्य की विभिन्न विधाओं में सर्जनात्मक व वैचारिक लेखन। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के अनेक सम्मेलनों में आलेख-पाठ एवं विश्व संस्कृत सम्मेलन, नीदरलैण्ड्स में भारतीय व्याकरण सत्र की अध्यक्षता। यूरोप व अमेरिका के अनेक विश्वविद्यालयों में अतिथि-व्याख्यान। संस्कृत की पारंपरिक शिक्षा के साथ-साथ भाषाविज्ञान से संबंधित अधुनातन विषयों में अध्ययन व अनुसंधान।
'बाहुबलीयम्' काव्यकृति पर उ.प्र. संस्कृत संस्थान द्वारा पुरस्कृत। आचार्य पं. विद्यानिवास मिश्र के साथ भारतीय भाषा तत्व मीमांसा विश्वकोश के सहायक संपादक रहे। क.मा. मुंशी हिंदी तथा भाषाविज्ञान विद्यापीठ में शोध, भोपाल विश्वविद्यालय, भोपाल; संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी; लखनऊ विश्वविद्यालय में अध्यापन व शोध-निर्देशन। वर्तमान में महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण योजनाओं (1) हिंदी व्याकरण; (2) समसामयिक हिंदी प्रयोग कोश के निर्देशन व संपादन में संलग्न रहते हुए भाषा-केन्द्र, लखनऊ में आचार्य एवं निदेशक के रूप में कार्यरत।
वर्तमान में वर्धा मुख्यालय में स्थिति महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी
विश्वविद्यालय के अंतर्गत भाषा-विद्यापीठ में बतौर प्रोफेसर एवं निदेशक के रूप में
कार्यरत।
प्रकाशित कृतियाँ: कालिदास, बाहुवलीयम्, त्रिमुनिव्याकरणम्, भारतीय शब्द-दर्शन, प्रतीक और प्रतीक विज्ञान, अनुवाद और मशीनी अनुवाद; संपादन-हिंदी प्रयोग: एक शैक्षिक व्याकरण।